One should know how to behave and adjust himself with other people.
You must talk sweetly and gently. This produces a tremendous impression.
You must be polite, civil, courteous. You must treat others with respect
and consideration. He who shows respect to others is respected in turn.
दूसरों के साथ कैसे मिलना और कैसे व्यव्हार करना है - इसका ज्ञान भी जरुरी है.
धीरे से बोलना चाहिए, मन को प्रियकर ही बोलना चाहिए. ऐसे सवभाव से
अमिट प्रभाव का जन्म होता है. सज्जनता, मिलनसार स्वभाव और नेक आदत का
विकास करना चाहिए. दूसरों के साथ मान और आदर का बर्ताव करना चाहिए.
जो दूसरों का आदर करता है, अवश्य दूसरों के आदर का पात्र बनता है.
You must talk sweetly and gently. This produces a tremendous impression.
You must be polite, civil, courteous. You must treat others with respect
and consideration. He who shows respect to others is respected in turn.
दूसरों के साथ कैसे मिलना और कैसे व्यव्हार करना है - इसका ज्ञान भी जरुरी है.
धीरे से बोलना चाहिए, मन को प्रियकर ही बोलना चाहिए. ऐसे सवभाव से
अमिट प्रभाव का जन्म होता है. सज्जनता, मिलनसार स्वभाव और नेक आदत का
विकास करना चाहिए. दूसरों के साथ मान और आदर का बर्ताव करना चाहिए.
जो दूसरों का आदर करता है, अवश्य दूसरों के आदर का पात्र बनता है.
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